Mahaveer Jayanti कब और क्यों मनाया जाता हैं?

Mahaveer Jayanti कब और क्यों मनाया जाता हैं?

हमारे देश में हर एक पर्व का अपना खास महत्व है। भारत में सभी धर्म के लोग रहते है और सभी धर्म के लोग अपने-अपने त्यौहार बड़े धूम धाम से मनाते है। महावीर जयंती का पर्व जैन धर्म का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है। आइए जानते है महावीर जयंती के बारे में। महावीर जयंती क्यू मनाई जाती है? महावीर जयंती कैसे मनाते है? महावीर जयंती कब मनाई जाती हैं?

महावीर जयंती (Mahaveer Jayanti)

महावीर जयंती (Mahaveer Jayanti) जैन धर्म का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार हैं। जैन धर्म के लोग इस त्यौहार को बड़े धूम धाम से मनाते है। वैसे तो धरती पर सबसे पुराना धर्म सनातन धर्म माना जाता है लेकिन दुनियाँ के अन्य धर्मों के जैसे ही जैन धर्म भी सनातन धर्म से निकला हुआ एक पंथ है।

महावीर जयंती क्यू और कब मनाई जाती है? (Why Mahaveer Jayanti is celebrated?)

जैन ग्रंथो के अनुसार महावीर स्वामी का जन्म चैत्र मास शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी 13 वें दिन हुआ था। महावीर स्वामी को जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर के रूप में माना जाता है। भगवान महावीर ने पूरे समाज को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया। जिस कारण से जैन धर्म के लोग इस दिन भगवान महावीर के जन्म उत्सव के तौर पर मनाते है। इस दिन जैन मंदिरो में पूजा अर्चना की जाती है, जैन धर्म के लोगो द्वारा स्वामी महावीर के जन्म की खुशियां मनाईं जाति है। यह जैनों का सबसे प्रमुख पर्व है।

महावीर स्वामी जैन धर्म के उन 24 लोगों में से हैं जिन्होंने तपस्या से आत्मज्ञान की प्राप्ति की। इस लिए इन्हे जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर के रूप में माना जाता है। जैन धर्म में तीर्थंकर वह लोग होते थे जो अपने इंद्रियों और भावनाओं पर विजय प्राप्त कर लेते थे । आइए जानते है की महावीर जयंती का त्यौहार कैसे मनाए।

महावीर जयंती कैसे मनाई जाती है?

जैन धर्म के लोग महावीर जयंती का त्यौहार बड़े धूम धाम के साथ मनाते है। इस दिन जैन मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जाता है। महावीर जयंती के दिन जैन मंदिरों में महावीर जी की मूर्तियों का अभिषेक किया जाता है। इसके बाद मूर्ति को एक रथ पर बिठाकर सड़को पर इसका जुलूस निकाला जाता है। इस जुलूस में जैन धर्म के अनुयायी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

इस दिन जैन धर्म के लोग महावीर स्वामी के जन्म की खुशियां मनाते हैं। इस अवसर पर जैन समुदाय के लोगो द्वारा अहिंसा रैली निकाली जाती है। जरूरतमंदो और गरीबों को दान दिया जाता है।

वैसे तो ये पर्व पूरे भारत में जैन समुदाय के लोगों द्वारा मनाया जाता है। लेकिन इसकी खास रौनक गुजरात और राजस्‍थान में देखने को मिलती है। क्योंकि इन राज्यों में जैन धर्म को मानने वालों की तादाद अच्‍छी खासी है। इस प्रकार यह त्योहार बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाता है।

भगवान महावीर स्वामी कौन थे?

भगवान महावीर ने अहिंसा परमो धर्म का संदेश दुनिया भर में फैलाया। इनके बचपन का नाम वर्धमान था। इनका जन्म 599 ईसवीं पूर्व बिहार कुंडग्राम में हुआ था। इनके पिता लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और माता महारानी त्रिशला थी। वर्धमान ने ज्ञान की प्राप्ति के लिए महज तीस साल की उम्र में राजमहल के सुखों का त्याग कर दिया था उसके बाद उन्होंने तपोमय साधना का रास्ता अपना लिया था। उन्होंने 12 वर्षों की कठोर तप कर अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली थी। इसलिए उन्हें महावीर के नाम से पुकारा गया।

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महावीर जयंती का क्या महत्व है? (Importance of Mahaveer Jayanti)

एक कहावत है कि “एक साधे सब सधे सब साधे सब जाए” अर्थात किसी एक चीज की साधना करने से सब कुछ हो सकता है लेकिन एक साथ सभी साधनाएं करने से कुछ भी हाथ नहीं लगता। आज दुनियाँ को भगवान बुद्ध और महावीर के मार्ग पर चलने की जरूरत है क्योंकि दुनियाँ में आज दया करुणा की कमी हो चुकी है।

इस जयंती का महत्व इसलिए ज्यादा है कि यह एक ऐसा त्यौहार है जो लोगों को निस्वार्थ भाव से देना सिखाता है। जैन संप्रदाय के अनुयायियों के लिए महावीर जयंती का महत्व सबसे ज्यादा होता है क्योंकि इसी दिन उन्हें ज्ञान का प्रकाश प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त होता है।

महावीर स्‍वामी के सिद्धांत क्या थे?

महावीर स्वामी का सबसे बड़ा सिद्धांत अहिंसा का रहा। इसलिए उन्होंने अपने प्रत्‍येक अनुयायी के लिए अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह के पांच व्रतों का पालन करना आवश्यक बताया है। इन सभी व्रतों में अहिंसा की भावना सम्मिलित है। जैन धर्म में इसे ही पंचशील सिद्धांत कहा गया है।

महावीर स्वामी ने अहिंसा के वारे में क्या बताया था?

अहिंसा ही परम धर्म है। अहिंसा ही परम ब्रह्म है। अहिंसा ही सुख शांति देने वाली है। अहिंसा ही संसार का उद्धार करने वाली है। यही मानव का सच्चा धर्म है।यही मानव का सच्चा कर्म है।


FAQs

Qus: महावीर जयंती किस धर्म के मनाते है?
Ans:
महावीर जयंती जैन धर्म के लोग बड़ी धूम धाम से मानते है।

Qus: भगवान महावीर ने पूरे समाज को किस का मार्ग दिखाया?
Ans:
भगवान महावीर ने पूरे समाज को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया।

Qus: महावीर जयंती को क्या हुआ था?
Ans:
चैत्र शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को जैन समाज के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर का जन्म हुआ था।इस कारण इस दिन को महावीर जयंती के नाम से जाना जाता है।

Qus: महावीर जीं ने अहिंसा के वारे में क्या कहा था?
Ans:
अहिंसा ही परम धर्म है। अहिंसा ही परम ब्रह्म है। अहिंसा ही सुख शांति देने वाली है। अहिंसा ही संसार का उद्धार करने वाली है।यही मानव का सच्चा धर्म है।यही मानव का सच्चा कर्म है।

Qus: इस त्योहार को सबसे ज़्यादा कहा मनाया जाता है?
Ans:
इस त्योहार को सबसे ज़्यादा गुजरात और राजस्‍थान में मनाया जाता है।

Qus: भगवान महावीर जी को महावीर नाम से क्यू पुकारा गया?
Ans:
महावीर ji ने 12 वर्षों की कठोर तप कर अपनी इंद्रियों पर विजय प्राप्त कर ली थी। इसलिए उन्हें महावीर के नाम से पुकारा गया।

Qus: महावीर जी का जन्म कब और कहा हुआ?
Ans:
इनका जन्म 599 ईसवीं पूर्व बिहार में लिच्छिवी वंश के महाराज सिद्धार्थ और महारानी त्रिशला के घर हुआ।


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