रंगों का त्यौहार Holi कब और क्यों मनाते हैं? | Holi Kyu Manate Hai?

रंगों का त्यौहार Holi कब और क्यों मनाते हैं? | Holi Kyu Manate Hai?

हमारे देश में हर एक त्योहार किसी धर्म या वर्ग विशेष की संस्कृति का चित्र पेश करते हैं। सभी त्योहारों के पीछे कोई न कोई कारण और उसका अपना महत्त्व होता है। आज हम बात करेगे हिंदुओं का मुख्य त्यौहार होली के बारे में। जैसे की होली का त्यौहार क्यू मनाया जाता है? (Holi Kyu manate hai?) होली का त्योहार कब और कैसे मनाया जाता है?

होली का त्यौहार (Festival of Holi)

होली हिंदुओ का प्रमुख त्यौहार है। होली भारत तथा नेपाल में मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है। अब होली का त्योहार भारत सहित पूरे विश्व में धूम धाम से मनाना जाने लगा है। होली रंगों का त्यौहार है जिसमे बच्चे से लेकर बूढ़े व्यक्ति तक शामिल हो कर धूम धाम से इस दिन को सबके साथ मिलकर खुशियों से मनाते हैं इसलिए इस त्यौहार को सब खुशियों का त्यौहार भी कहते हैं। ये त्यौहार हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है लेकिन फिर भी इस त्यौहार को हर जगह हर धर्म के लोग एक साथ मिलकर प्रेम से मनाते हैं।

होली का त्याहोर कब मनाया जाता है?

होली का दिन बड़ा ही शुभ दिन होता है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतू के समय फागुन यानि की मार्च के महीने में आता है। यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
ये बसंत का त्यौहार है और इसके आने पर सर्दी ख़तम हो जाती है और गर्मी की शुरुआत होती है। भारत के कुछ हिस्सों में इस त्यौहार को किसान अच्छी फसल पैदा होने की ख़ुशी में भी मनाते हैं।

इस त्यौहार के समय न सर्दी होती है और नही गर्मी, इस समय मौसम काफी सुहाना और खुशनुमा होता है। लोग एक दूसरे के साथ होली का त्योहार मनाते है ,एक दूसरे को रंग, गुलाल लगाते है, गले मिलते है। यह त्यौहार प्रेम और भाईचारा का प्रतिक है।
इस समय प्रकृति भी अपने रंग बिरंगे अवस्था के साथ चरम पर होती है। फाल्गुन मास में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी बोलते है। होली का त्योंहार बसन्त पंचमी से शुरू होता है। बसन्त पंचमी के दिन होलिका दहन के स्थान को पूजा जाता है और वहा लकड़ी कंडे रखे जाते है ताकि होलिका दहन के दिन जलाया जा सके।

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बसंत पंचमी के दिन ही पहली बार गुलाल-अबीर उड़ाया जाता है। इस दिन से होली के रंगो में लोग रंगने लगते है ,होली के गाने घरों ने बजने लगते है । खेते में गेहूं की बालियां इठलाने लगती है सरसो खिल उठती है। मनुष्य से ले कर पेड़ पौधों तक सब उल्लास से खिल उठते है। बच्चे से ले कर बूढ़े तक होली की रंगो, नाच गानों में रम जाते है। और यह प्रकिया होली के दिन तक चलती है।

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होली क्यू मनाया जाता है? होली से जुड़ी पौराणिक कथाएं। (Why Holi is Celebrated?)

अब हम बात करेगे Holi kyu manate hai? एक छोटी कहानी से हम देखेगे होली का नाम होलिका क्यू पड़ा?
होली से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित है, इनमे से एक कहानी प्रहलाद और होलिका की है। पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था। जिसने वर्षों की तपस्या करके भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया, जिसके बाद ब्रह्मा जी के वरदान स्वरूप हिरण्यकश्यप को ना दिन में ना रात में, ना देवता ना मनुष्य, ना ही कोई जानवर और ना ही किसी प्रकार के हथियार से मारा जा सकता था।

हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था इसलिए अपनी प्रजा से कहता था कि वह उसकी पूजा करें भगवान विष्णु की पूजा ना करें। वह स्वय को भगवान मानने लगा था और इसके राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर प्रतिबंध था। वह अपनी प्रजा से क्रूरता पूर्ण व्यवहार करने लगा। प्रजा के कुछ लोग भय वश उसकी पूजा भी करने लगे। समय बीतने के साथ ही हिरण्यकश्यप के घर एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया।

प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था। प्रह्लाद हिरण्यकश्यप को ईश्वर नहीं मानता था। बहुत समझाने पर भी वह नहीं समझा तो हिरण्यकश्यप ने उसे मारने के कई उपाय किये, पर वह नहीं मरा। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान था कि उसे किसी भी प्रकार की आग जला नहीं सकती है इसलिए इसने अपनी बहन को आदेश दिया की प्रह्लाद को ले कर आग में बैठे।

होलिका अपने भाई का साथ देते हुए प्रहलाद को लेकर जलती हुई आग की चिता में बैठ गई। प्रहलाद यह देखकर घबरा गया और भगवान विष्णु की पूजा करने लगा। भगवान विष्णु की ऐसी कृपा हुई थी प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी के बाद से होली का त्यौहार मनाया जाने लगा और होलिका जलाई जाने लगीं।

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होली का त्योहार कैसे मनाते है?

अब हम बात करेगे यह त्याहोर कैसे मनाते है? होली 2 दिन तक मनाई जाने वाली त्यौहार है। होली से ठीक एक दिन पहले होलिका जलाई जाती है। जिसमें लकड़ी, घास और गाय के गोबर से बने कंडे इकट्ठे करते है। संध्या के समय महिलाओं द्वारा होली की पूजा की जाती है, लोटे से जल अर्पण किया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त देखकर होलिका दहन कर दिया जाता है जैसे ही आग की लपटें बढ़ने लग जाती हैं, प्रहलाद के प्रतीक वाली लकड़ी को निकाल दिया जाता है और इसीप्रक्रिया को होलिका दहन कहा जाता है।

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होलिका दहन के अगले दिन, जिसे प्रमुखतः धुलेंडी व धुरड्डी, धुरखेल या धूलिवंदन जैसे अनेक नामों से जाना जाता है, रंगो का यह त्यौहार होली मनाया जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, गुलाल अबीर लगाते है, एक दूसरे को होली की बधाईयां देते है। ढोल नगाड़ों के साथ घर घर जा कर होली की गीत गाई जाती है, रंग लगाया जाता है।

इस दिन क्या बच्चे क्या बूढ़े सब आपस में एक दूसरे को रंग लगाते हैं और सब की शुभकामनाएं लेते हैं और सब को बधाई देते हैं। इस दिन सभी पड़ोसियों और प्रियजनों के साथ पिचकारी और रंग भरे गुब्बारों से खेलना शुरु कर देते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग गुलाल लगाते साथ ही मजेदार पकवानों का आनंद लेते हैं। होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर एक दूसरे को गले लगाते है। इस लिए यह त्यौहार आपसी प्रेम और भाईचारा का प्रतिक है।

मावा यानी खोया और मैदा से बनी गुझिया होली का प्रमुख पकवान है। इस दिन लोग तरह तरह के पकवान जैसे गुझिया, पुआ, नमकीन, मिठाईयां बनाते है और एक दूसरे को खिलाते है। इस दिन शाम को लोग नए कपड़े पहन कर एक दुसरे के घर मिलने जाते है मिठाईयां खाते और खिलाते है। ब्रज की लट्ठमार होली पूरे देश में प्रसिद्ध है। इस प्रकार हम होली का त्योहार मानते है।


FAQ

Qus: होली पर रंग क्यों लगाते है?
Ans:
होली पर रंग लगाने का प्रचलन बहुत पुराना है। माना जाता है की कृष्ण गोपियों को रंग लगाते थे और ये बात ब्रज बासियो को बहुत पसन्त थी इस लिए ब्रज वासी एक दुसरे को रंग गुलाल लगाने लगे। तभी से होली पर रंग लगाने की परंपरा शुरू हो गई।

Qus: होली के त्योहार में हम क्या क्या करते है?
Ans:
होली के दिन लोग एक दुसरे को रंग, गुलाल, अबीर लगाते है। एक दुसरे से गले मिलते है। घर घर जा कर होली की बधाईयां देते है, एक दुसरे को मिठाईयां खिलाते है। इस दिन तरह तरह के पकवान बनते है। होली की गीत गई जाति है, ढोल नगाड़े संग नाच गान होता है। इस तरह होली का त्यौहार मनाया जाता है।

Qus: होली का सबसे पक्का रंग कौन सा है?
Ans:
होली में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला रंग लाल है। वैसे होली पर कई सारे रंग लगाए जाते है पर लाल और हरे का प्रचलन ज्यादा है।

Qus: होली के दिन कौन सा रंग खेलना चाहिए?
Ans:
होली के दिन गुलाबी ,लाल और पीला रंग खेलना अच्छा होता है। वैसे सभी रंगों का अपना अपना महत्व है।

Qus: होली का हमारे जीवन में क्या महत्त्व है?
Ans:
होली प्रेम और आपसी भाईचारा का प्रतीक है। इस दिन लोग सारी कटुता भुला कर एक दुसरे को गले लगाते है। होली आपसी सदभावन, शांति, खुशी और एकता का संदेश देता है।

Qus: होली में कौन से भगवान की पूजा होती है?
Ans:
होली से जुड़ी पौराणिक कथाओ में भगवान विष्णु और उनके भक्त प्रह्लाद की कथा प्रचालित है।

Qus: प्रहलाद का क्या अर्थ होता है?
Ans:
प्रहलाद का अर्थ आनन्द होता है। होली के एक दिन पहले वैर और उत्पीड़न की प्रतीक होलिका जलती है और प्रेम तथा उल्लास का प्रतीक प्रह्लाद अक्षुण्ण रहता है।

Qus: 2024 में होली कब है?
Ans:
2024 में होलिका दहन 24 मार्च को और होली 25 मार्च को मनाया जाएगा।


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