नागपंचमी के बारे में 10 रोचक तथ्य

नागपंचमी हिंदू पारंपरिक रूप से भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाई जाती है, लेकिन इसका मुख्य उद्देश्य सांपों की पूजा और समर्पण है।

हिंदू परंपरा में यह त्योहार खासतौर पर अपने खेतों और गोदामों की सुरक्षा के लिए मनाया जाता है, क्योंकि सांप खेतों में आकर फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

इस दिन, विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में, लोग गुफाओं और जल निकायों में सांपों की पूजा करते हैं, क्योंकि माना जाता है कि वे वहां रहते हैं।

नागपंचमी का त्योहार सांपों के साथ जीवंत संबंध को बढ़ावा देता है और उन्हें हरे-भरे प्राकृतिक स्थानों के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित करता है।

यह त्यौहार भारतीय साँप प्रजातियों के संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि ये अधिकतर सरकारी संरक्षण के अभाव में रहते हैं।

नागपंचमी के दिन कई स्थानों पर सांपों के प्राकृतिक संरक्षण केंद्र खोले जाते हैं ताकि लोग वहां के प्राकृतिक जीवन को जान सकें और उन्हें जानकारी दी जा सके।

नागपंचमी के दिन कुछ स्थानों पर नाग देवता के मंदिरों में महाआरती और उत्सव नृत्य का आयोजन किया जाता है, जिससे समाज में खुशी और उत्साह का संचार होता है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, नागपंचमी का त्योहार श्रावण माह की पहली पंचमी को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त के महीने में आती है।

इस दिन लोग अपने परिवार के साथ मिलकर नागपंचमी का त्योहार मनाते हैं और एक-दूसरे के प्रति पारस्परिक भक्ति प्रदर्शित करते हैं।

नागपंचमी के त्योहार के दौरान धार्मिक अर्थ के साथ-साथ यह एक ऐसा अवसर होता है जब लोग सांपों के प्राकृतिक महत्व को याद करते हैं और उनके संरक्षण के प्रति अपनी सच्ची प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।

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