गुरु पूर्णिमा: संजीवनी के रूप में गुरु का महत्व

गुरु पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है।

गुरु पूर्णिमा को गुरुओं के सम्मान में मनाने का पर्व माना जाता है।

इस दिन छात्र अपने गुरु के चरणों में धन्यवाद व्यक्त करते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य गुरु को वस्त्र, फूल और उपहार देते हैं।

गुरु पूर्णिमा के दिन शिष्य गुरु को वस्त्र, फूल और उपहार देते हैं। यह पर्व गुरु-शिष्य परंपरा को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करता है।

गुरु पूर्णिमा पर धार्मिक सभाएं और कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें गुरुओं के बारे में विचारों का आदान-प्रदान होता है।

इस दिन अनेक संत, महात्मा और धार्मिक गुरुओं की पुण्यतिथि मनाई जाती है, जैसे वेद व्यास और गौतम बुद्ध।

गुरु पूर्णिमा के दिन साधक अपनी साधना में अधिक प्रगति करने की कामना करते हैं। यह पर्व शिक्षा और ज्ञान के महत्व को साझा करता है और छात्रों को पढ़ाई में प्रेरित करता है।

गुरु पूर्णिमा को विभिन्न भागों में भारतवर्ष में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है, जैसे नगर कीर्तन, सत्संग, धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि।

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